Lodhi Patrika - Lodhi Samaj News

Header
collapse
...
Home / नवीनतम समाचार / बैकवर्ड समाज को उसके हक और अधिकार के प्रति जागरूक करने वाले महान नेता मुलायम सिंह यादव

बैकवर्ड समाज को उसके हक और अधिकार के प्रति जागरूक करने वाले महान नेता मुलायम सिंह यादव

Oct 10, 2025  Brij Lal Lodhi  16 views

बैकवर्ड को उसके हक और अधिकार के प्रति जागरूक करने वाले धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय :—
         संपूर्ण बैकवर्ड समाज को उसके हक और अधिकार के लिए जागरूक करने वाले मसीहा धरतीपुत्र मुलायम सिंह जी का आज परिनिर्वाण दिवस है इस अवसर पर हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं, शत-शत नमन करते हैं, शत-शत नमन करते हैं।

       22 नवम्बर 1939 — जन्म सैफई गाँव, इटावा ज़िला (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
पिता – श्री सुघर सिंह यादव
माता – श्रीमती मूर्ति देवी

बचपन गाँव की मिट्टी में बीता, खेती-किसानी और अखाड़े (पहलवानी) से लगाव रहा।

शिक्षा –

B.A. (K.K. Degree College, Etawah)

B.T. (A.K. College, Shikohabad)

M.A. (Political Science, B.R. College, Agra University)

राजनीतिक शुरुआत- (1960–1970 का दशक:-

1960 के दशक — समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में प्रवेश।

1967 — संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP) के टिकट पर पहली बार जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।

1974 — दूसरी बार विधायक बने।

1975–77 — आपातकाल के समय जेल गए, राजनीतिक उत्पीड़न सहा।

इसी दौर में वे जनता के सच्चे नेता और संघर्षशील समाजवादी के रूप में पहचाने जाने लगे।

राज्य स्तरीय नेता के रूप में उभार (1980–1990 का दशक)

1980 — लोकदल में शामिल हुए और धीरे-धीरे पार्टी में प्रमुख नेता बने।

1985 — उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।

1989 — पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने (जनता दल की सरकार)।

1990 — मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कराने के पक्षधर रहे, जिससे पिछड़े वर्गों की राजनीति को बल मिला।

समाजवादी पार्टी की स्थापना और संघर्ष :- (1992–2000)

4 अक्टूबर 1992 — समाजवादी पार्टी (SP) की स्थापना की, और उसके संस्थापक अध्यक्ष बने।

1993–1995 — बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन बनाकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।

1996–1998 — केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रहे।

1998–2002 — कई बार लोकसभा सांसद बने और राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत उपस्थिति दर्ज की।

राजनीति का शिखर काल :- (2003–2007)

29 अगस्त 2003 — तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

उनके कार्यकाल में किसानी, शिक्षा, सड़क, बिजली और सामाजिक योजनाओं पर ध्यान दिया गया।

वह “जनता के नेता” के रूप में प्रसिद्ध हुए और कार्यकर्ता उन्हें प्यार से “नेताजी” कहकर पुकारने लगे।

बाद का राजनीतिक जीवन :- (2008–2022)

2009–2019 — लगातार लोकसभा के सदस्य रहे; यूपी की राजनीति में पिता-पुत्र की जोड़ी (मुलायम–अखिलेश) चर्चा में रही।

2012 — उनके पुत्र अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, जिससे राजनीतिक विरासत आगे बढ़ी।

2020–2022 — सक्रिय राजनीति से दूरी बनाते हुए भी पार्टी के मार्गदर्शक बने रहे।

निधन और सम्मान:- 10 अक्टूबर 2022 — लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम (हरियाणा) में निधन हुआ।

अंतिम संस्कार सैफई में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

2023 — भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से मरणोपरांत सम्मानित किया।

विरासत :-
समाजवादी विचारधारा, पिछड़े वर्गों, किसानों और आमजन के अधिकारों की रक्षा के प्रतीक बने।

उनके जीवन का मूल संदेश था 
“सत्ता सेवा का माध्यम है, अधिकारों की रक्षा राजनीति का धर्म है।”
आज भी उन्हें “धरतीपुत्र” और “नेताजी” के नाम से जाना जाता है।


Share:

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your experience on this site will be improved by allowing cookies Cookie Policy