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आज 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती मना रहे हैं। आज़ के पावन अवसर पर हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं।
महात्मा गांधी : जीवन परिचय
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। उनके पिता करमचंद गांधी राजकोट रियासत के दीवान थे और माता पुतलीबाई धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। गांधीजी ने प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और राजकोट में प्राप्त की। बाद में वे इंग्लैंड जाकर बैरिस्टर बने।
दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने रंगभेद का अनुभव किया और वहीं से सत्याग्रह तथा अहिंसा के सिद्धांत को जीवन का आधार बनाया। भारत लौटकर उन्होंने आज़ादी के आंदोलन को नया स्वरूप दिया। उनका नेतृत्व किसानों, मजदूरों और आम जनता को एकजुट करता गया।
गांधीजी ने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे आंदोलनों से अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया।
ऐसा कार्य जिसने देश को प्रेरित किया
गांधीजी का सबसे प्रेरणादायी कार्य नमक सत्याग्रह (दांडी यात्रा 1930) था।
उन्होंने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से 78 सत्याग्रहियों के साथ 390 किलोमीटर की यात्रा शुरू की और 6 अप्रैल को दांडी पहुँचकर समुद्र से नमक बनाकर ब्रिटिश कानून को तोड़ा।
👉 यह आंदोलन इस बात का प्रतीक था कि साधारण से साधारण वस्तु (नमक) के लिए भी अगर जनता संगठित हो जाए तो साम्राज्यवादी सत्ता को झुकना पड़ता है।
👉 नमक सत्याग्रह ने पूरे देश में आज़ादी की अलख जगाई और यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जन-आंदोलन बन गया।
गांधीजी की प्रेरणा
सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना।
साधनों की पवित्रता को साध्य से बड़ा मानना।स्वदेशी अपनाना और आत्मनिर्भर बनना।
आज भी गांधीजी का यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि—
“आप वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
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